मैं यह शादी नहीं करूँगी
निमिषा की सगाई हुए सिर्फ एक हफ्ता हुआ था। निमिषा उदास सी अपने कमरे में बैठी थी। सरिता जी निमी की मम्मी उसके कमरे में आती है।
सरिता - क्या बात है निमी, परेशान क्यों लग रही है?
निमी - (जैसे अपने में ही खोई हुई) कोई जवाब नहीं दिया। मां ने जब दुबारा जोर से आवाज लगाई।
निमी - क्या मम्मी !!
सरिता - क्या हुआ ,क्या सोच रही है?
निमी - मां एक बात बोलूं , मैं अमन से शादी नही कर सकती।
सरिता - यह क्या बोल रही है? कोई बात हुई क्या अमन से?
निमी - बस मां मैं अमन जैसे लड़के से शादी नहीं कर सकती (और चिढ़ते हुए कमरे से बाहर चली गई)
सरिता जी - पता नही क्या हो जाता है इसे, निमी सुन तो..... पूरी बात तो बता क्या हुआ। ( मां भाग के निमी के पास गई)
निमी बाहर बरामदे में आके बैठ गई।
सरिता - क्या हुआ तुझे क्या बकवास लगा रखी है तूने?
निमी - मां बकवास नही कर रही,सही बोल रही हू।
सरिता- तो बता तो क्या हुआ?
निमी - मां आप चाहती हो की आपको बेटी जीते जी मर जाए
सरिता - कैसी बात कर रही है बेटा (आंखो में थोड़े से आंसू छलक आए थे)
निमी - मां वो अ.. म... न अमन का और मेरा एक कॉमन फ्रेंड है समर तो मेरी सगाई के 3-4 दिन बाद समर ने बताया कि अमन की कोई गर्लफ्रेंड है जिसके साथ वो दूसरे शहर में अलग से किसी फ्लैट में रहता है।
सरिता - यह क्या बकवास है
निमी - पहले मेने भी इसी बोला था मां फिर समर ने मुझे अमन और उसकी फ्रेंड की फोटो दिखाई और सबसे बड़ी बात मां अमन के मम्मी पापा को भी यह बात पता है।
सरिता - क्या!! तुझे कैसे पता ।
निमी - उस फोटो में अमन उसके पैरेंट्स और वो लड़की चारों थे।
सरिता - शायद कोई दोस्त होगी बेटा , दिवाकर जी ऐसा क्यों करेंगे।
निमी - नही मां, अमन ने ही समर को बताया था कि अमन के पापा ने बिजनेस में ज्यादा परसेंट लेने के लिए ही पापा से मेरे और अमन के रिश्ते की बात चलाई।
सरिता - यह सब क्या बोल रही है मेरे तो कुछ समझ नहीं आ रहा? ठीक है शाम को तेरे पापा घर आयेंगे तब बात करते है। शाम को निमी के पापा के घर आने के बाद -
सरिताजी - सुनिए जी, निमी को कुछ बात करनी है आपसे ;
श्याम जी - हां बोलो निमी क्या बात है बेटा
निमी ने अपने पापा को सारी बात बता दी।
श्याम जी - यह क्या बोले जा रही है दिवाकर ऐसा कैसे कर सकता है, अच्छा अब मैं समझा तभी उस दिन दिवाकर ने मुझे एक बार मांगने पर ही इतने सारे पैसे दिए थे बिजनेस में नुकसान हुआ था तब। निमी.. तूने ठीक फैसला लिया बेटा अब मैं नही होने दूंगा तेरी शादी।
सरिता - यह आप क्या कह रहे है सगाई के बाद रिश्ता तोड़ेंगे तो कितनी बदनामी .. हो. ..गी
श्याम जी - तो बदनामी के डर से अपनी बेटी की जिंदगी बरबाद कर दू तुम मां हो या दुश्मन हो उसकी ....निमी तू परेशान मत हो बेटा तेरे पापा तेरे साथ है।श्
याम जी ने तुरंत दिवाकर को फोन लगाया -
दिवाकर - हेलो श्याम भाईसाब कैसे है।श्
याम - मैं बहुत अच्छा हू, मगर आपसे ऐसी उम्मीद नही थी।
दिवाकर - क्या हुआ ऐसे कैसे बात कर रहे हो? भूल रहे हो तुम्हारी बेटी की शादी होने वाली है।श्
याम - भुला तो नही हु पर अच्छा हुआ तुमने याद दिला दिया।
दिवाकर - मतलब ?
श्याम - मतलब, की अब यह शादी नही होगी बहुत एहसान कर दिया तुमने मुझ पर अब नही चाहिए तुम्हारा एहसान।
दिवाकर - यह कैसी बात कर रहे हो? दिमाग तो ठीक है तुम्हारा।
श्याम - अब बिल्कुल सही हुआ है मेरा दिमाग, अपने बेटे से पूछो तुम या अपने बेटे की गर्लफ्रेंड से।
दिवाकर - (हकलाते हुए) का.. क्या गल.. गर्लफ्रेंड
श्याम - हां, अमन ने खुद समर को बताया था और यह बात तुम्हे भी पता थी की अमन की गर्लफ्रेंड है , दिवाकर तुम पैसे के लालच में मेरी बेटी की जिंदगी बरबाद करना चाहते थे, तुम्हे तो मैं छोडूंगा नही।
दिवाकर (मन में बड़बड़ाते हुए- अमन तुझे नही छोडूंगा मैं और वो समर का बच्चा)इतना बोलकर श्याम ने फोन काट दिया -
दिवाकर - हेलो श्याम मेरी बात सुनो .....हेलो......
निमी दौड़ कर अपने पापा के गले लग गई।
श्याम जी - (रोते हुए) एक ही बेटी है मेरी कोई बोझ नही है। सरिता जी भी आके दोनो लिपट गई।
madhura
05-Sep-2023 01:37 PM
Amazing
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Babita patel
05-Sep-2023 12:17 PM
Nice
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KALPANA SINHA
05-Sep-2023 11:28 AM
Amazing
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